भृंगराज के फायदे –
अगर यह कहा जाए कि भृंगराज कई औषधीय गुणों का खजाना है, तो गलत नहीं होगा। इसके प्रयोग से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। आइए, भृंगराज के कुछ खास फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
1. लीवर की समस्या (पीलिया) में भृंगराज तेल के फायदे
लीवर के विकार को आम भाषा में पीलिया कहा जाता है। इस चिकित्सकीय अवस्था में भृंगराज की पत्तियों और जड़ से निकले अर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें वेडेलोलैक्टोन (wedelolactone), इरसोलिक (ursolic) और ओलिनोलिक एसिड (oleanolic acids) जैसे फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स (Phytoconstituents) औषधीय गुण मौजूद हाेते हैं, जाे हेपटोप्रोटेक्टिव (लीवर विकार को ठीक करने की क्षमता) के रूप में काम करते हैं। मौखिक रूप से लिया गया इसका अर्क एक टॉनिक के रूप में करता है।
2. खांसी (कफ) की राेकथाम के लिए
भृंगराज के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इन गुणों के कारण यह खांसी का कारण बनने वाले कीटाणुओं को खत्म करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं, इस गुणों के कारण भृंगराज हानिकारक कीटाणुओं को पैदा होने से भी रोक सकता है। इस प्रकार भृंगराज के अर्क का सेवन आपको खांसी से राहत दिलाने में फायदेमंद हैं ।
3. दस्त के इलाज में कारगर
भृंगराज में एक गुण एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) भी होता है। भृंगराज में पाया जाने वाला यह गुण दस्त को रोकने में कारगर हो सकता है । एंटीस्पास्मोडिक मल को चिकना होने से रोकता है, जिस कारण दस्त से राहत मिल सकती है। साथ ही यह मांसपेशियों की सिकुड़न को भी कम करता है।
4. बवासीर में भृंगराज तेल के फायदे
जैसे भृंगराज के तने और पत्तियों में कई बीमारियों को दूर करने के औषधीय गुण होते हैं, वैसे ही इसकी जड़ भी कई रोगों का उपचार करने में फायदेमंद है। इसकी जड़ के अर्क को प्रतिदिन दो बार गाय के दूध के साथ लेने पर बवासीर का उपचार करने में मदद मिल सकती है। भृंगराज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो प्रभावित क्षेत्र पर होने वाली सूजन को कम करते हैं। इससे मल को निकलने में आसानी होती है और धीरे-धीरे बवासीर की समस्या भी खत्म हो सकती है ।
5. पेट की समस्याओं के लिए
जैसा कि ऊपर लेख में हमने जिक्र किया है कि भृंगराज में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जिस कारण इससे पेट की कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है । भृंगराज में पाया जाने वाला यह गुण आपके पेट में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करके पेट के संक्रमण, अल्सर, जलन और बैक्टीरिया से होने वाली आंतों की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है।
6. आंखों की देखभाल के लिए
भृंगराज में कई एंटीबैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं (2)। जहां एक ओर इसका एंटीबैक्टीरियल गुण आंखों को संक्रमण से बचाता है, वहीं इसका एंटीडायबिटिक गुण आंखों को मधुमेह से होने वाले खतरे से बचा सकता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों की सूजन को दूर कर आंखों को स्वस्थ करने में मदद कर सकता है।
7. सांस की समस्या में फायदेमंद
भृंगराज में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अस्थमा के दौरान होने वाली फेफड़ों की सूजन को दूर करने के साथ ही फेफड़ों को कई प्रकार से फायदा पहुंचाने में कारगर हो सकता है। इससे आपको सांस लेने में होने वाली तकलीफ में राहत मिल सकती है।
8. बुखार को करे दूर
भृंगराज में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बुखार को दूर करने में कारगर हो सकते हैं । इसकी मदद से मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, यह मच्छरों को पनपने से रोकने में भी कारगर हो सकता है ।
9. शरीर को ऊर्जावान करना
आयुर्वेद में भृंगराज का उपयोग औषधीय गुणों के कारण एनर्जी बूस्टर के रूप में किया जाता है। इसके उपयोग से उम्र के साथ खत्म होती ऊर्जा को फिर से वापस लाया जाता है। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करता है। साथ ही इसका उपयोग शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है ।
10. बालाें के लिए भृंगराज तेल के फायदे
भृंगराज को आयुर्वेद में परंपरागत रूप से बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। भृंगराज को केशराज भी कहते हैं ,क्योंकि इसका तेल बालों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है। भृंगराज के तेल में मौजूद मेथनॉल नामक पोषक तत्व बालों के विकास को आसान बनाने में मदद कर सकता है। इसके तेल से नियमित मालिश करने से स्कैल्प के रक्त संचार में सुधार होता है। तेल में मौजूद मेथनॉल नामक पोषक तत्व जब बालों की जड़ तक पहुंचता है, तो यह बालों को मजबूत करने के साथ ही गंजेपन को भी रोक सकता है ।
top of page
₹300.00Price
300 Kilograms
bottom of page